Thursday, 10 September 2015

क्रिकेट जगत को मिला नया लसिथ मलिंगा

क्रिकेट जगत को मिला नया लसिथ मलिंगा..




नई दिल्‍ली: आईसीसी के ट्विट ने कई बल्लेबाज़ों की रातों की नींद उड़ा दी है। आईसीसी ने सोमवार को फ़िजी के एक खिलाड़ी विलामी मनाकिवई (Viliame Manakiwai) की गेंदबाज़ी करते हुए वीडियो ट्विट किया जिसे देखकर हर कोई उनकी तुलना श्रीलंका के तेज़ गेंदबाज़ लसिथ मलिंगा से करने लगा।

मनाकिवई की गेंदबाज़ी एक्शन मलिंगा से काफ़ी हद तक मेल खाती है। हालांकि उनकी गेंदबाज़ी एक्शन पूरी तरीके से मलिंगा के जैसी नहीं है। आईसीसी ने जो वीडियो ट्विट किया है उसमें वो मलिंगा के जैसी एक्शन से गेंदबाज़ी करते हुए विकेट उड़ाते दिखाई दे रहे हैं।
 
The new Lasith Malinga? WATCH Viliame Manakiwai's cracker of a delivery for @CricketFiji at
मलिंगा ने श्रीलंका के लिए 30 टेस्ट मैच खेलते हुए 101 विकेट लिए हैं। वहीं 188 वनडे में उन्होंने 287 विकेट लिए हैं। मलिंगा हमेशा से अपनी गेंदबाज़ी एक्शन को लेकर विवादों में रहे हैं। स्लिंगा मलिंगा नाम से मशहूर श्रीलंकाई गेंदबाज़ पर बैन लगाने के लिए कई बार मांग उठ चुकी है लेकिन आईसीसी ने उनके साइड आर्म एक्शन को ग़लत नहीं पाया। मलिंगा ने अपनी गेंदबाज़ी एक्शन पर सफ़ाई देते हुए कहा था कि उन्होंने टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते हुए ऐसी गेंदबाज़ी करना सीखा है। मलिंगा की कप्तानी में श्रीलंका ने पिछले साल T20 वर्ल्ड कप जीता है।

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'मैंने चाय बेचते-बेचते हिन्दी सीखी', पढ़ें विश्व हिन्दी सम्मेलन में PM मोदी की खास बातें

'मैंने चाय बेचते-बेचते हिन्दी सीखी', पढ़ें विश्व हिन्दी सम्मेलन में PM मोदी की खास बातें



भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिन्दी के महत्व को रेखांखित करते हुए कहा कि अगर उन्हें हिन्दी नही आती, तो उनका क्या होता। साथ ही उन्होंने देश की हर मातृभाषा को अमूल्य बताते हुए कहा कि हिन्दी उन सभी को साथ लाए और अपने को समृद्ध बनाए।

पीएम मोदी ने भोपाल में 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए आगाह किया कि भाषा की भक्ति बहिष्कृत करने वाली नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह सम्मिलित करने वाली होनी चाहिए, सबको जोड़ने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाषा के दरवाजे बंद नहीं होने चाहिए, क्योंकि जब-जब ऐसा हुआ है, वह भाषा विकसित होने के बजाय ठप हो गई है।

उन्होंने कहा कि भाषाशास्त्रियों का मानना है कि 21वीं सदी के अंत तक विश्व की 6,000 में से 90 प्रतिशत भाषाएं लुप्त हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम इस चेतावनी को नहीं समझें और अपनी भाषाओं के संरक्षण के प्रयास नहीं किए तो हमें ऐसा रोना पड़ेगा, जैसे डायनासोर या कई अन्य जीव-जन्तु एवं पेड़-पौधों की प्रजातियों के लुप्त होने पर रोना पड़ रहा है।

विकसित हो रही डिजिटल भाषाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा, आने वाले दिनों में डिजिटल दुनिया में अंग्रेजी, चीनी और हिन्दी का दबदबा बढ़ने वाला है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में भाषाओं का अनमोल खजाना है। इन भाषाओं को हिन्दी से जोड़ने पर राष्ट्रभाषा और ताकतवर होती जाएगी।

पीएम के संबोधन के मुख्य अंश -
  • सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिन्दी
  • भोपाल में हिन्दी का ये महाकुंभ हो रहा है
  • भाषा में ज्ञान का भंडार
  • हिन्दी की विरासत को सुरक्षित रखने का दायित्व
  • हिन्दी की ताकत का अंदाजा है मुझे
  • अगर मैं हिन्दी न जानता तो लोगों तक नहीं पहुंच सकता था
  • भाषा लोगों को जोड़ते हुए आगे बढ़ती है।
  • भाषा एक मचलता हुआ हवा का झोंका
  • जैसे जीवन में चेतना, वैसे भाषा में भी
  • विदेशों में भी हिन्दी की किताबों का प्रदर्शन
  • संस्कृत भाषा लुप्त होती जा रही है
  • चाय बेचते-बेचते हिन्दी सीखने का मौका मिला, भाषा सरलता से सीखी जा सकती है
  • भाषाओं को जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए, हिन्दी बन सकती है सूत्रधार
  • हमारी भाषा कई देशों में पहुंची हुई है
  • दूसरी भाषा के अच्छे शब्दों को अपनाना चाहिए
  • हिन्दी में बोलने पर दम वाला व्यक्ति समझा जाता है
  • चीन में गया था, वहां हिन्दी भाषा जानने वाले का अलग कार्यक्रम हुआ, वे बहुत बढ़िया जानते थे
  • मंगोलिया में भी हिन्दी भाषा जानने वाले लोग नजर आए
  • रूस में हिन्दी भाषा पर बहुत काम हो रहा है
  • फिल्म इंडस्ट्री ने भी विदेशों में हिन्दी पहुंचाने का बहुत बड़ा काम किया है
  • भाषा के रूप में आने वाले दिनों में हिन्दी का महत्व बढ़ेगा
  • भाषा शास्त्रियों  का मत है कि दुनिया में करीब 6000 भाषाएं
  • अर्थशास्त्रियों ने 21वीं सदी के अंत तक इसमें से 90 प्रतिशत भाषाएं लुप्त होने की बात की
  • ये चेतावनी हम न समझे और हमारी भाषा को ध्य़ान नहीं रखा तो रोना पड़ सकता है
  • भाषा के दरवाजे बंद नहीं किए जा सकता
  • इन दिनों दुनिया के जिन भी देशों में जाता हूं, वे हिन्दी में बोलते हैं, 'सबका साथ, सबका विकास'
  • ओबामा और पुतिन भी हिन्दी में बोलते हैं, 'सबका साथ, सबका विकास'
  • फणीश्वर नाथ रेणु, प्रेमचंद और जयशंकर प्रसाद न होते समाज को कैसे समझते
  • जो टेक्नोलॉजी के जानकार हैं, उनका कहना है कि डिजीटल वर्ल्ड में तीन ही भाषाओं का दबदबा होगा, अंग्रेजी, चीनी और हिन्दी... (इनपुट भाषा से भी)

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हिन्दी भाषी लोगों के लिए हिन्दी में आएगी सोशल नेटवर्किंग साइट 'मूषक'

हिन्दी भाषी लोगों के लिए हिन्दी में आएगी सोशल नेटवर्किंग साइट 'मूषक'




भोपाल: दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में शिरकत करने आए पुणे के अनुराग गौड़ व उनके साथियों ने मंगलवार को भोपाल में 'ट्विटर' की तर्ज पर पूरी तरह हिन्दी में काम करने वाला 'मूषक' सोशल नेटवर्किंग साइट देशवासियों और हिन्दी प्रेमियों के लिए पेश की है। यह साइट अभी ऑनलाइन नहीं हुई है, कहा जा रहा है कि 10 सितंबर को इसे जारी किया जाएगा।

हिन्दी सोशल नेटवर्किंग साइट 'मूषक' के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) अनुराग गौड़ ने बताया कि जहां ट्विटर पर शब्दों की समय सीमा 140 शब्द हैं, वहीं हमने मूषक पर इसे 500 रखा है। कम्प्यूटर अथवा स्मार्टफोन पर हिन्दी टाइप करना रोमन लिपि पर आधारित है, इसलिए लोग हिन्दी लिखने से कतराते हैं। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में बदलती तकनीक के साथ हिन्दी को लोगों से परिचित कराना होगा, ताकि लोग रोमन लिपि से पिछड़कर अपनी पहचान ना खो दें।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन पर उनकी इस सोशल नेटवर्किंग साइट 'मूषक' को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है तथा इसके अलावा कम्प्यूटर पर इसे गूगल सर्च में www.mooshak.in के नाम से खोजा जा सकता है।

गौड़ ने कहा कि भाषा वैज्ञानियों का विचार है कि जो भाषा हम बोलना जानते हैं, उसे थोड़े प्रयत्नों से ही सरलता से लिखना सीख जाते हैं। उन्होंने कहा कि 'मूषक' का उद्देश्य हिन्दी और देवनागरी को आज की पीढ़ी के लिए सामयिक और प्रचलित करना है। इस सोशल नेटवर्किंग साइट पर हिन्दी भाषी रोमन में टाइप करने से वहीं तत्काल हिन्दी शब्द का विकल्प पा सकेंगे।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में 'मूषक' के सीईओ ने कहा कि ट्विटर, फेसबुक सरीखे सोशल नेटवर्किंग साइट्स, जिसे हमारे नेताओं, अभिनेताओं और प्रतिष्ठित लोगों ने जोर-शोर से अपनाया है, वहां प्राथमिकता अंग्रेजी भाषा को दी जाती है और उसे ही देश की आवाज समझा जाता है। हिन्दी दोयम दर्जे की मानी जाती है। उन्होंने कहा कि मूषक द्वारा हम इस प्रक्रिया को सही मायनों में गणतांत्रिक बनाना चाहते हैं, जहां गण की आवाज गण की भाषा में ही उठे।

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फलों-सब्जियों के छिलकों से बना श्रीखंड और चाकलेट दूर रखेगा रोगों से

फलों-सब्जियों के छिलकों से बना श्रीखंड और चाकलेट दूर रखेगा रोगों से




वाराणसी: बीएचयू के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग में फलों और सब्जियों के छिलकों से बने उन खाद्य पदार्थों पर शोध हो रहा जिनमें स्वाद के साथ सेहत का खजाना भी छिपा है। एंटीऑक्सीडेंट के भण्डार से भरे सेब, अनार, अंगूर, टमाटर, ब्रोकली आदि के छिलकों का पाउडर बनाकर दही , श्रीखण्ड, चॉकलेट जैसे उत्पाद तैयार किए जाने की तैयारी है। यह कैंसर, हार्ट डिसीज, डाइबिटीज जैसी बीमारियों के रोकथाम में कारगार सिद्ध होंगी।

बीएचयू के खाद्य विज्ञान एवं प्रद्यौगिकी विभाग में  हर दिन  शोधार्थी अनार और सेब के छिलके उतारते हुए दिख जाएंगे। वह फेंक दिए जाने वाले इन छिलकों पर अपनी प्रयोगशाला में शोध कर रहें हैं। हमारे शरीर में होने वाले कई रोगों से लड़ने के लिए इसका पाउडर तैयार करने के लिए इकट्ठा करते हैं। छिलकों में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता ही इनके शोध का विषय है। प्रोफेसर और इस टेस्ट के विशेषज्ञ  डा अरविन्द बताते हैं कि फलों और सब्जियों के छिलकों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है, लिहजा हमारी कोशिश है कि इनमें जो एंटीऑक्सीडेंट है वह शरीर में रोग बढ़ाने वाले  फ्री रेडिकल को रोकेगा।

छिलकों से एंटीऑक्सीडेंट को निकालने के लिए इसे एक प्रक्रिया से गुजारा जाता है।  पहले  लैब में अंगूर और अनार के जूस को निकालने के बाद उसका जो वेस्टेज बचता है उसे सुखाया जाता है। सेब, टमाटर, अनार, चुकंदर आदि के छिलकों को एक विशेष मशीन में डालकर सुखाया जाता है।  छिलकों के सूखने के बाद इसे दूसरी मशीन में  डालकर उसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट को निकालकर पाउडर बनाया जाता है। इस पाउडर से दही श्रीखण्ड चॉकलेट जैसे प्रोडक्ट बनाने की तैयारी है  जो कई बीमारियों को रोकने में कारगर होंगे।

डा अरविन्द की मानें तो हमारे आज की जीवन शैली में तनाव, भाग दौड़, अनियमित जीवन और धूम्रपान जैसे नशे शामिल हैं, जिनकी वजह से हमारे शरीर में फ्री रेडिकल बनते हैं। इनसे हार्ट में ब्लॉकेज, डायबिटीज जैसी बीमारियां होती हं। यही रेडिकल जब हमारे डीएनए को तोड़ते हैं तो कैंसर जैसी बीमारी पैदा होती है। इन बीमारियों के शुरुआती दौर में ही रोकथाम के लिए अगर एंटीऑक्सीडेंट का प्रयोग किया जाए तो बड़ी सफलता मिल सकती है। यह प्रयोग लैब स्तर पर तैयार हो गया है।  कुछ जांच के बाद मनुष्यों पर प्रयोग की तैयारी की जाएगी।

अभी लैब में बने प्रोडक्ट चूहे पर प्रयोग करने के बाद आगे बढ़ेंगे। फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट के पाउडर से दही, श्रीखण्ड चॉकलेट जैसे प्रॉडक्ट लैब में तैयार किए जा चुके हैं।  इनका परीक्षण करने के बाद बाजार में लाने की तैयारी की जाएगी।

इस प्रयोग की सफलता के बाद साफ है कि  फलों के जिन छिलकों को हम फेंक देते थे, वही छिलके हमें कई रोगों से लड़ने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। यानी आप कह सकते हैं कि कुदरत की बनाई कोई भी चीज बेकार नहीं होती।

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पढ़ाई का जज्बा : 96 वर्ष की उम्र में एमए में दाखिला

पढ़ाई का जज्बा : 96 वर्ष की उम्र में एमए में दाखिला



पटना: कहा जाता है कि पढ़ने-लिखने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती। इस कहावत को एक बार फिर चरितार्थ किया है 96 साल के एक बुजुर्ग ने और अर्थशास्त्र स्नातकोत्तर (एमए) में दाखिला लेकर पढ़ने की इच्छा जताई है। पटना के नालंदा  मुक्त विश्वविद्यालय ने भी बुजुर्ग की इस इच्छा को उनके सीने में दफन नहीं होने दिया और बुजुर्ग के घर सम्मान स्वरूप जाकर स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम में उनका नामांकन लिया।

मूल रूप से बरेली, उत्तर प्रदेश के निवासी राजकुमार वैश्य उम्र के 96वें पड़ाव पर पिछले दिनों जब एमए की पढ़ाई करने में रुचि दिखाई तो उनके पुत्र ने नालंदा खुला विश्वविद्यालय से संपर्क किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी नामांकन लेने की इच्छा जताई।

वर्तमान समय में वैश्य अपने परिजनों के साथ पटना के राजेन्द्र नगर में रहते हैं।

वाकर के सहारे चलने वाले वैश्य कहते हैं, "एमए की पढ़ाई करने की ख्वाहिश 77 साल से उनके सीने में दबी थी। सेवानिवृत्त हुए भी 38 साल हो गए। जिम्मेदारियों को पूरा करने में समय ही नहीं मिला। अब जाकर उनका सपना पूरा हुआ।"

नालंदा खुला विश्वविद्यालय का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सम्मान स्वरूप वैश्य के घर जाकर मंगलवार को दाखिले की औपचारिकता पूरी की।

विश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव ए एन पांडेय ने बुधवार को बताया कि यह नामांकन उन लोगों के लिए प्रेरणादायी है, जिन्होंने किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ दी है।

राजकुमार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली के रहनेवाले वाले हैं, जिनका जन्म 1 अप्रैल, 1920 को हुआ था। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा बरेली के एक स्कूल से 1934 में पास की थी। इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से 1938 में स्नातक की परीक्षा पास की और यहीं से कानून की भी पढ़ाई की।

इसके बाद झारखंड के कोडरमा में नौकरी लग गई। इसके कुछ ही दिनों बाद उनकी शादी हो गई।

वैश्य ने बताया, "सेवानिवृत्त होने के बाद वर्ष 1977 के बाद फिर बरेली चला गया। इस बीच पत्नी का स्वर्गवास हो गया। घरेलू काम में व्यस्त रहा, लेकिन एमए की पढ़ाई करने की इच्छा समाप्त नहीं हुई।"

उन्होंने आगे कहा, "अब पूरी तरह निश्चिंत हो गया हूं। अब तय है कि एमए की परीक्षा पास कर लूंगा।"

वैश्य के पुत्र संतोष कुमार कहते हैं कि पिताजी ने एमए करने की इच्छा जताई थी, तब नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा जगत के लिए एक बहुत बड़ी बात है।

संतोष कुमार एनआईटी पटना से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि उनकी पत्नी प्रोफेसर भारती एस़ कुमार पटना विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हैं।

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Monday, 7 September 2015

सफलता के 20 मँत्र!!

सफलता के 20 मँत्र!!

by-Junaid
1. खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनाओ..!
2. दिन मेँ कम से कम 3 लोगो की प्रशंसा करो..!
3. खुद की भुल स्वीकारने मेँ कभी भी संकोच मत करो..!
4. किसी के सपनो पर हँसो मत..!
5. आपके पीछे खडे व्यक्ति को भी कभी कभी आगे जाने का मौका दो..!
6. रोज हो सके तो सुरज को उगता हुए देखे..!
7. खुब जरुरी हो तभी कोई चीज उधार लो..!
8. किसी के पास से कुछ जानना हो तो विवेक से दो बार…पुछो..!
9. कर्ज और शत्रु को कभी बडा मत होने दो..!
10. ईश्वर पर पुरा भरोसा रखो..!
11. प्रार्थना करना कभी मत भुलो, प्रार्थना मेँ अपार शक्ति होती है..!
12. अपने काम से मतलब रखो..!
13. समय सबसे ज्यादा कीमती है, इसको फालतु कामो मेँ खर्च मत करो..
14. जो आपके पास है, उसी मेँ खुश रहना सिखो..!
15. बुराई कभी भी किसी कि भी मत करो, क्योकिँ बुराई नाव मेँ छेद समान है, बुराई छोटी हो बडी नाव तो डुबो ही देती है..!
16. हमेशा सकारात्मक सोच रखो..!
17. हर व्यक्ति एक हुनर लेकर पैदा होता है, बस उस हुनर को दुनिया के सामने लाओ..!
18. कोई काम छोटा नही होता हर काम बडा होता है, जैसे कि सोचो जो काम आप कर रहे हो अगर वह काम आप नही करते हो तो दुनिया पर क्या असर होता..?
19. सफलता उनको ही मिलती है जो कुछ करते है
20. कुछ पाने के लिए कुछ खोना नही बल्कि कुछ करना पडता है………..

खूबसूरती!

खूबसूरती!

By-Junaid
हर किसी को अपनी खूबसूरती पर घमण्ड होता है!
मै आज आपको खूबसूरती की परिभाषा बताता हूँ!!
खूबसूरत है वो लब!
जिन पर, दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए !!
खूबसूरत है वो दिल!
जो, किसी के दुख मे शामिल हो जाए !!
खूबसूरत है वो जज़बात!
जो, दूसरो की भावनाओं को समज जाए !!
खूबसूरत है वो एहसास!
जिस मे, प्यार की मिठास हो जाए !!
खूबसूरत है वो बातें!
जिनमे, शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ !!
खूबसूरत है वो आँखे!
जिनमे, किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए !!
खूबसूरत है वो हाथ!
जो किसी के, लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए !!
खूबसूरत है वो सोच!
जिस मैं, किसी कि सारी ख़ुशी झुप जाए!!
खूबसूरत है वो दामन!
जो, दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए !!
खूबसूरत है वो आंसू!
जो, किसी और के गम मे बह जाए…!!

ईमानदारी का इनाम ! बाप बेटा की अदभुत कहानी !

ईमानदारी का इनाम ! बाप बेटा की अदभुत कहानी !


By-junaid

अदभुत कथा-
…………………………………………….
इस साल मेरा सात वर्षीय बेटा दूसरी कक्षा मैं प्रवेश पा गया!!
क्लास मैं हमेशा से अव्वल आता रहा है!
पिछले दिनों तनख्वाह मिली तो…
मैं उसे नयी स्कूल ड्रेस और जूते दिलवाने के लिए बाज़ार ले गया !
बेटे ने जूते लेने से ये कह कर मना कर दिया की
पुराने जूतों को बस थोड़ी-सी मरम्मत की जरुरत है
वो अभी इस साल काम दे सकते हैं!
अपने जूतों की बजाये उसने मुझे अपने दादा की कमजोर हो चुकी
नज़र के लिए नया चश्मा बनवाने को कहा !
मैंने सोचा बेटा अपने दादा से शायद बहुत प्यार करता है
इसलिए अपने जूतों की बजाय उनके चश्मे को ज्यादा जरूरी
समझ रहा है ! खैर मैंने कुछ कहना जरुरी नहीं समझा
और उसे लेकर ड्रेस की दुकान पर पहुंचा…..
दुकानदार ने बेटे के साइज़ की सफ़ेद शर्ट निकाली …
डाल कर देखने पर शर्ट एक दम फिट थी…..
फिर भी बेटे ने थोड़ी लम्बी शर्ट दिखाने को कहा !!!!
मैंने बेटे से कहा : बेटा ये शर्ट तुम्हें बिल्कुल सही है
तो फिर और लम्बी क्यों ?
बेटे ने कहा :पिता जी मुझे शर्ट निक्कर के अंदर ही डालनी होती है
इसलिए थोड़ी लम्बी भी होगी तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा…….
लेकिन यही शर्ट मुझे अगली क्लास में भी काम आ जाएगी ……
पिछली वाली शर्ट भी अभी नयी जैसी ही पड़ी है
लेकिन छोटी होने की वजह से मैं उसे पहन नहीं पा रहा !
मैं खामोश रहा !!
घर आते वक़्त मैंने बेटे से पूछा : तुम्हे ये सब बातें कौन सिखाता है बेटा ?
बेटे ने कहा: पिता जी मैं अक्सर देखता था कि कभी माँ अपनी साडी छोड़कर
तो कभी आप अपने जूतों को छोडकर हमेशा मेरी किताबों और कपड़ो पैर पैसे खर्च कर दिया करते हैं !
गली- मोहल्ले में सब लोग कहते हैं के आप बहुत ईमानदार आदमी हैं!
और हमारे साथ वाले राजू के पापा को सब लोग चोर, कुत्ता, बे-ईमान, रिश्वतखोर और जाने क्या क्या कहते हैं,
जबकि आप दोनों एक ही ऑफिस में काम करते हैं…..
जब सब लोग आपकी तारीफ करते हैं तो मुझे बड़ा अच्छा लगता है…..
मम्मी और दादा जी भी आपकी तारीफ करते हैं !
पिता जी मैं चाहता हूँ कि….
मुझे कभी जीवन में नए कपडे, नए जूते मिले या न मिले
लेकिन कोई आपको चोर, बे-ईमान, रिश्वतखोर या कुत्ता न कहे !!!!!
मैं आपकी ताक़त बनना चाहता हूँ पिता जी, आपकी कमजोरी नहीं !
बेटे की बात सुनकर मैं निरुतर था!
आज मुझे पहली बार मुझे मेरी ईमानदारी का इनाम मिला था !!
आज बहुत दिनों बाद आँखों में ख़ुशी, गर्व और सम्मान के आंसू थे…!!
English Keywords: Hindi Moral Story of A Father Son Heart Touching Stories in Hindi For Students, Baap Beta Ki Moral Kahani Hindi Me, Imaandaari Ka Phal Story in Hindi

ऐसे ही गलतफहमी का शिकार होकर रिश्ते बिगडते है!!

ऐसे ही गलतफहमी का शिकार होकर रिश्ते बिगडते है!!

by-Mr.Z

एक जौहरी के निधन के बाद उसका परिवार संकट में पड़ गया।
खाने के भी लाले पड़ गए।
एक दिन उसकी पत्नी ने अपने बेटे को नीलम का एक हार देकर कहा- ‘बेटा, इसे अपने चाचा की दुकान पर ले जाओ।
कहना इसे बेचकर कुछ रुपये दे दें।
बेटा वह हार लेकर चाचा जी के पास गया।
चाचा ने हार को अच्छी तरह से देख परखकर कहा- बेटा, मां से कहना कि अभी बाजार
बहुत मंदा है।
थोड़ा रुककर बेचना, अच्छे दाम मिलेंगे।
उसे थोड़े से रुपये देकर कहा कि तुम कल से दुकान पर आकर बैठना।
अगले दिन से वह लड़का रोज दुकान पर जाने लगा और वहां हीरों रत्नो की परख का काम सीखने लगा।
एक दिन वह बड़ा पारखी बन गया।
लोग दूर-दूर से अपने हीरे की परख कराने आने लगे।
एक दिन उसके चाचा ने कहा, बेटा अपनी मां से वह हार लेकर आना और कहना कि अब बाजार बहुत तेज है,
उसके अच्छे दाम मिल जाएंगे।
मां से हार लेकर उसने परखा तो पाया कि वह तो नकली है।
वह उसे घर पर ही छोड़ कर दुकान लौट आया।
चाचा ने पूछा, हार नहीं लाए?
उसने कहा, वह तो नकली था।
तब चाचा ने कहा- जब तुम पहली बार हार लेकर थे,
तब मैं उसे नकली बता देता तो तुम सोचते कि आज हम पर बुरा वक्त आया तो चाचा हमारी चीज को भी नकली बताने लगे।
आज जब तुम्हें खुद ज्ञान हो गया तो पता चल गया कि हार सचमुच नकली है।
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सच यह है कि ज्ञान के बिना इस संसार में हम जो भी सोचते,
देखते और जानते हैं, सब गलत है।
और ऐसे ही गलतफहमी का शिकार होकर रिश्ते बिगडते है।
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English Keywords: Best Relationship Moral Stories in Hindi, Rishton ki Kahani, Rishte Kaise Bigadte Hai Best Moral Story in Hindi for Facebook and Whatsapp

Kisi Ladki Ko Badnaam Mat Karo Don’t Abuse Girls........

Kisi Ladki Ko Badnaam Mat Karo Don’t Abuse Girls in Hindi  

 By-Mr.Z
   

Sunday, 6 September 2015

पढ़ें, एक किसिंग सीन के लिए कितनी मशक्कत.....

 कंगना-इमरान को एक किसिंग सीन के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ी...

by-Mr.Z
मुंबई: इमरान खान और कंगना रनौत के बीच उनकी आने वाली फिल्म 'कट्टी बट्टी' के लिए एक किसिंग सीन तीन दिन तक फिल्माया गया। यह दृश्य एक खास गाने में डाला गया है।

दरअसल फिल्म 'कट्टी बट्टी' के गाने 'लिप टू लिप किस्सियां' के लिए किसिंग सीन फिल्माया जाना था, क्योंकि गाने के बोल भी कुछ वैसे ही हैं। इस गाने को फिल्माने के लिए निर्देशक निखिल आडवाणी कुछ अलग करना

चाहते थे, इसलिए उन्होंने एक खास मोशन कैमरे का इस्तेमाल किया, जिसमे चुंबन लेते समय एक एक फ्रेम अलग दिखाई पड़ता है।

इस तकनीक और सीन के बारे में निखिल ने बताया कि "हम 'लिप टू लिप' गाने को कुछ हटकर दिखाना चाहते थे, इसलिए हमने इस कैमरे का इस्तेमाल किया और किसिंग सीन देखने में अच्छा लग रहा है।"

वहीं तीन दिनों तक एक ही किसिंग सीन देने के अनुभव पर कंगना ने कहा,  "यह मुश्किल था, क्योंकि तीन दिनों तक किस करना था। एक ही पोजिशन में लेटकर किसिंग सीन करना था। सिर्फ लोकेशन या बैकग्राउंड बदलता था, लेकिन किसिंग की पोजिशन वही रहती थी।"

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पेट या पीठ के बल सोने की बजाय तिरछा सोने की आदत डालें, अल्जाइमर नहीं होगा

पेट या पीठ के बल सोने की बजाय तिरछा सोने की आदत डालें, अल्जाइमर नहीं होगा..........

by-Junaid
न्यूयार्क: यदि आप पेट या पीठ के बल सीधा सोने के बजाय तिरछा सोने की आदत डालते हैं, तो अल्जाइमर और पर्किंसंस जैसे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बच सकते हैं। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। अध्ययन के मुताबिक, तिरछा सोने से दिमाग में मौजूद हानिकारक रासायनिक विलेय या अपशिष्ट विलेय भली प्रकार निकल जाते हैं।

दिमाग में अपशिष्ट विलेय या रासायनिक विलेय के जमा होने से अल्जाइमर और दूसरे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका के न्यूयार्क स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के शोधकर्ता मैकेन नेडेर्गार्ड ने कहा, 'यह पहले ही पता चल चुका है कि नींद के दौरान खलल पड़ने से अल्जाइमर की बीमारी और याददाश्त खोने का खतरा बढ़ जाता है। हमारी शोध में इससे संबंधित जो नई बात सामने आई है, वह है सोने का तरीका भी इस विषय में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।'

नेडेर्गार्ड ने कहा, 'तिरछा लेटकर सोना एक आरामदायक तरीका है और ज्यादातर लोग ऐसे सोना पसंद करते हैं। शोध में भी यह बात सामने आई है कि जागने के दौरान दिमाग में जमा होने वाले मेटाबॉलिक अपशिष्ट विलेय या हानिकारक रायायनिक विलेय को निकालने के लिए हमने तिरछा लेटकर सोने के तरीके को अपनाया है।'

अध्ययन के निष्कर्ष में बताया गया कि सोने का तरीका चुनना या अपनाना आराम करने की एक जैविक क्रिया है, जो जागने के दौरान दिमाग में जमा होने वाले मेटाबॉलिक अपशिष्ट को निकालने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यह शोध पत्रिका 'न्यूरोसाइंस' में प्रकाशित हुआ है।

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कम नींद लेने वालों को खतरा:रिसर्च

पूरी नींद लें, वरना हो सकता है जुकाम : रिसर्च

by-Junaid

वाशिंगन: कम नींद लेने वालों को जुकाम का खतरा ज्यादा रहता है। एक अध्ययन में पता चला है कि जो लोग रात में छह घंटे या उससे भी कम समय की नींद लेते हैं, उन्हें जुकाम होने का खतरा ज्यादा रहता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी जर्नल स्लीप में प्रकाशित शोध में अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद की महत्ता के बारे में खुलासा किया गया है।

सैन फ्रांसिसको की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में सहायक प्रोफेसर एरिक प्रैथर ने कहा, "पर्याप्त नींद नहीं लेने से शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।"

इस अध्ययन के लिए 164 वयस्कों के स्वास्थ्य पर दो महीने तक नजर रखी गई और तनाव, स्वभाव, अल्कोहल और सिगरेट के उपभोग के आधार पर उनके स्वास्थ्य के स्तर का आकलन किया गया।

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के नींद की आदत का सात दिनों तक अध्ययन किया और उन सबका सामना जुकाम के वायरस से कराया गया और कुछ दिनों तक अध्ययन कर देखा गया कि वायरस का किन लोगों पर क्या असर पड़ता है।

अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रात में छह घंटे की नींद लेते हैं, उन्हें जुकाम का खतरा 4.2 गुणा ज्यादा था, जबकि पांच घंटे की नींद लेने वालों को जुकाम का खतरा 4.5 गुना ज्यादा था।

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नेता मेरे ऊपर अपना समय और एनर्जी न लगाएं:सनी लियोनी

कंडोम विज्ञापन पर सनी लियोनी, नेता मेरे ऊपर अपना समय और एनर्जी न लगाएं.......
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री सनी लियोनी का कंडोम वाला विज्ञापन चर्चा का विषय बन गया है। विज्ञापन को लेकर जो हंगामा शुरू हुआ वो अब थमने का नाम नहीं ले रहा। अब जब गुरुवार को एक बार फिर से यह मामला उठा तो सनी लियोनी को खुद सामने आकर इसका जवाब देना पड़ा। सनी ने ट्वीट किया है कि वाकई ये दुख की बात है कि जिन लोगों को मदद की जरूरत है उनकी मदद करने के बजाय सत्ता में रह रहे लोग वाकई मेरे ऊपर अपना वक्त और ऊर्जा बर्बाद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि गुरुवार को सीपीआई के सीनियर लीडर अतुल अंजान ने सनी लियोनी को लेकर एक विवादित बयान दिया। दरअसल, सनी लियोनी ने कंडोम के एक विज्ञापन में काम किया है जिसे लेकर अतुल अंजान ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि इससे रेप की घटनाएं बढ़ेंगी।

यूपी के गाजीपुर में हुई एक रैली में उन्होंने इस विज्ञापन को 'काम वासना को बढ़ाने वाला और सोचने समझने की शक्ति खत्म कर देने वाला' करार दिया है। उन्होंने कहा कि यदि लोगों को इस विज्ञापन को देखने दिया गया तो रेप की घटनाओं में तेजी आएगी।

वहीं, इसके बाद बीजेपी सांसद और गायक मनोज तिवारी ने भी सनी लियोनी को लेकर एक विवादित बयान दिया। भोजपुरी सिंगर मनोज तिवारी ने खुलेतौर पर सीपीआई नेता अंतुल अंजान की बात से सहमति जताई थी।

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शाहरुख की छुट्टी, सलमान ही काफ़ी है:गूग्ल

गूगल के मुताबिक सलमान खान चला रहे हैं बॉलीवुड को.......

  By-Junaid
 
नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं, हमारी हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री, यानी बॉलीवुड को कौन चला रहा है...?

हम जानते हैं, आपके पास इस सवाल का जवाब होना मुश्किल है, लेकिन इंटरनेट की दुनिया में सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन कहे जाने वाले गूगल के पास इसका जवाब मौजूद है, और वह गोलमोल जवाब है - सलमान खान...
           



हालांकि गूगल यह नाम जवाब के तौर पर नहीं परोस रहा है, लेकिन जैसे ही आप गूगल पर तलाश करते हैं, 'Who runs Bollywood' (बॉलीवुड को कौन चलाता है), वह हमेशा की तरह जवाबों की एक लिस्ट यूज़र के सामने परोस देता है, लेकिन सबसे ऊपर आता है 'गूगल डायरेक्ट' की ओर से दिया गया जवाब, जो दरअसल बॉलीवुड के 'दबंग' स्टार को वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में कोर्ट से सज़ा सुनाए जाने की ख़बर का लिंक है, लेकिन इस लिंक में सलमान खान का नाम बाकी सारी तहरीर के मुकाबले मोटे, यानी 'बोल्ड' अक्षरों में दिखाई देता है, जो कहीं न कहीं कम जानकार यूज़र को यह भ्रम दे सकता है कि उसके 'मूल सवाल' का जवाब यही नाम है...

वैसे, गूगल के सर्च इंजन इस तरह के अजीबोगरीब जवाब पहले भी परोसते रहे हैं, और अब भी परोस रहे हैं... अगर आप इसी सवाल की तरह लिखें, 'who runs the world' (दुनिया को कौन चलाता है), तो आपके पास 'गूगल डायरेक्ट' की ओर से कोई जवाब नहीं आता, लेकिन पहला लिंक पॉप सिंगर और हॉलीवुड अभिनेत्री बियॉन्से नॉलेस के एक लोकप्रिय वीडियो का आता है.

सोनिया बोली:हैंडसम थे राजीव इसी लिये तो...

'सोनिया बोलीं- राजीव गांधी 'हैंडसम' थे, इसीलिए तो मैंने उनसे शादी की!'






लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी नई किताब में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विनोदी अंदाज को याद करते हुए कहा कि सोनिया ने उनसे मजाक में कहा था कि उन्होंने राजीव से इसलिए शादी की, क्योंकि वह 'हैंडसम युवक' थे।

कसूरी ने अपनी किताब 'नीदर अ हॉक नॉर अ डव' में 2005 में सोनिया से हुई अपनी मुलाकात का जिक्र किया है। कसूरी ने 2005 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की भारत यात्रा की बात करते हुए इस मुलाकात का जिक्र किया है।

कसूरी ने तब मुशर्रफ से मिलने आईं कांग्रेस अध्यक्ष की आगवानी की थी। कसूरी ने कहा कि सोनिया जब बैठक के लिए आईं तो कुछ गंभीर लग रही थीं। कसूरी लिखते हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति के साथ बैठक से पहले सोनिया की वेटिंग रूम में आगवानी की। सोनिया के साथ तत्कालीन विदेशमंत्री नटवर सिंह भी आए थे।

पूर्व विदेश मंत्री ने लिखा है, 'मुझे लगा कि मैं उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेर सकता हूं और मैंने इस बात का जिक्र किया कि जब मैं कैम्ब्रिज में था और सोहेल इफ्तिखार (महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के दोस्त और कांग्रेस के प्रसिद्ध नेता मियां इफ्तिखारउद्दीन के बेटे) के साथ टहल रहा था तब मैंने किंग्स परेड पर उल्टी दिशा से एक हैंडसम युवक को आते देखा। मैंने सोहेल से पूछा कि वह युवक कौन है, तो उन्होंने मुझे बताया कि उसका नाम राजीव है और वह पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाती है।'

कसूरी ने लिखा, 'जब सोनिया ने मेरे राजीव को 'हैंडसम युवक' बताने की बात सुनी तो उनके चेहरे पर मुस्कुराहट बिखर गई और उन्होंने चुटकीले अंदाज में कहा, 'इसलिए तो मैंने उनसे शादी की।'

इसके अलावा साल 2005 के दौरे का एक और रोचक किस्सा साझा करते हुए पूर्व विदेश मंत्री ने दिल्ली में भारत-पाकिस्तान के बीच आखिरी एकदिवसीय मैच का जिक्र किया। उन्होंने लिखा है कि 'जब हम फिरोजशाह कोटला मैदान में पहुंचे, सोनिया गांधी और विदेश मंत्री नटवर सिंह वहां पहले से मौजूद थे।' कसूरी ने लिखा, 'स्टेडियम में उत्सव जैसा माहौल था, पाकिस्तानियों की अच्छी खासी मौजूदगी में शाहिद अफरीदी का नाम जोर जोर से लिया जा रहा था। मुझे लगा कि अफरीदी के बल्ले से निकली गेंदें हमारी तरफ आ रही थीं। इस पर विदेशमंत्री सिंह ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'आप अफरीदी को भी अपने साथ ही ले जाएं।' उन्होंने कहा कि जनरल स्टैंड में बैठे अफरीदी का नाम चिल्ला रहे पाकिस्तानी दर्शकों के उलट उनके स्टैंड में मौजूद दूसरे भारतीय और पाकिस्तानी दर्शक विनम्र थे और शांत होकर मैच देख रहे थे।

कसूरी ने लिखा, 'मैच के रोमांचक दौर में पहुंचने के साथ राष्ट्रपति मुशर्रफ ने (अपने बगल में बैठे) प्रधानमंत्री (मनमोहन) सिंह के साथ अपनी बैठक के लिए स्टेडियम से रुककर निकलने की इच्छा जताई।' राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री सिंह से कहा कि दोनों हैदराबाद हाउस में तय अपनी बैठक के बाद वापस स्टेडियम लौटेंगे।

कसूरी ने लिखा, 'लेकिन थोड़ी ही देर बाद राष्ट्रपति मुशर्रफ और मुझे परचे मिले, जिनमें बताया गया कि मैच उम्मीद से पहले ही खत्म हो गया और पाकिस्तान ने ना केवल आसानी से मैच जीत लिया बल्कि सीरीज़ भी अपने नाम कर ली।'